हाँ!तो मैं सोच रहा था कि और महापुरषों की तरह,मैं भी लोगों के बीच ज्ञान चेपू। पर सबसे बडी विडम्बना ये थी कि टॉपिक क्या लिया जाय?तो दिमाग खपाते हुए ध्यान आया "धर्म"। "धर्म"-किसी भी इंसानऔर शैतान को काबू करने का वह रास्ता जिसका कोई तोड़ नहीं है।" लिखने से पहले सोचा था।टॉपिक पर सिर्फ अच्छी बातें लिखूंगा।फ़िर ध्यान आया,धर्म पर सिर्फ अच्छी बातें कैसे की जा सकती है? इंसान हो या भगवान सबने धर्म के नाम पर बस अपना उल्लू सीधा किया है।बाकी अपने द्वारा किये गए कर्मों को सही साबित करने के लिए किसी ने 4-6 तो किसी ने300-400 श्लोक के रूप में ज्ञान पेल डाला। और इसी पेले हुए ज्ञान को रामायण,श्रीमद्भागवत गीता, कुरान,बाईबिल, गुरुग्रंथ आदि नामों से बराबर रूप में आज भी प्रकाशित किया जा रहा है। यही धर्म ग्रंथ हमें भगवान,अल्लाह,गॉड,गुरु आदि नामों से रूबरू कराते है।इन्हीं किताबों के अनुसार गॉड ......हमने जाना कि गॉड निराकार है,वो कभी न मरते है,न कभी जन्म लेते हैं,वो अजर-अमर है,उनकी कोई उम्र नहीं होती.......वगैरा-वगैरा।तोअगर इन किताबी बातों को सच माना जाए और मानना भी पड़ेगा कोई ...