हर बार सुलझा कर रखता हूँ ,फिर भी उलझी हुई मिलती है ,
ऐ ज़िन्दगी तू ही बता ज़रा ,तेरा मिजाज़  मेरे इयरफोन सा क्यूँ है...?

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समझदारी