ख़्वाबनामा--
तुमसे मिलना अब हकीकत नहीं
एक ख्वाब लगता हैं
ख्वाबों में अक्सर डेरा डाले रहना
तुम्हारी आदत में सुमार हो चला है
लोगों की सुनिसुनायी बातें को
मान कर अक्सर चार बजे सोना भी सीखा
न ख़्वाब तुमसा आया
न तुम ख़्वाब में आई
कैसे मान लूँ
किस्मत एक ख़्वाब पे टिकी है
D.s.bangari
तुमसे मिलना अब हकीकत नहीं
एक ख्वाब लगता हैं
ख्वाबों में अक्सर डेरा डाले रहना
तुम्हारी आदत में सुमार हो चला है
लोगों की सुनिसुनायी बातें को
मान कर अक्सर चार बजे सोना भी सीखा
न ख़्वाब तुमसा आया
न तुम ख़्वाब में आई
कैसे मान लूँ
किस्मत एक ख़्वाब पे टिकी है
D.s.bangari
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