15 साल तक सच के लिए लगातार लड़ाई,उन लोगों से जिन्होंने ये सब कुकर्म किया।उस लोकतंत्र से, उस कानून से जो आज दोषियों को सजा देने के काम कम बल्कि पैसे और रसूखदार लोगों के कहे अनुसार खरीदा बेचा जाता है और उनके मनमुताबिक काम आता है।
पर राम रहीम बलात्कार के पूरे वाक्या में एक बात जो पूरे मन व दिमाग को लगातार कचोड़ती रही है कि कहाँ गए वो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाले, पक्ष विपक्ष, नेता, अभिनेता, कारोबारी जो इस देश में महिलाओं के सम्मान उनके हक और उनके अधिकारों की बातें करते है। क्या ये सब पगलाये लोग वही है जो दामिनी और दामनी जैसी पीड़ितों के लिए अनसन, कैंडल मार्च,धरना सब करती है।जो तब फाँसी की माँग करते है और अभी उसी बलात्कारी वहसी को बचाने के लिए ये सब।
वैसे तो अक्षय कुमार,अनुपम खैर, सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी, उमा भारती, नरेंद्र दामोदर मोदी, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी,प्रियंका वाड्रा, मेनका गाँधी,अरुन जेटली............ ये जितने भी लोग है हमेशा महिलाओं के सम्मान और अधिकारो की बात करते है।आज कहाँ गया इनका सम्मान का ढोकरा और कहाँ गया इनका जमीर?अभी तक तो किसी भी पार्टी के नेता या अभिनेता  ने एक भी बयान या ट्वीट नहीं किया उन 2 साध्वी के समर्थन में जिन्होंने राम रहीम के गुंडो के भय और आंतक के चलते भी 15 साल तक लगातार कोर्ट में पेशी व गवाही दी है।
    न ही हमारे प्रिय राष्ट्रभक्त,राष्ट्रप्रेमी,देशभक्त पीएम साहब ने कोई फ़ोटोज शेयर की है।न ही उन 2 साध्वी को उनके सच की लड़ाई, हौसले औऱ जज्बे को सांत्वना देने के लिए मन की बात है। न हमारे पीएम साहब ऐसा नहीं करेंगे कतई नहीं करेंगे क्योंकि उनका राष्ट्रवाद...झूठे वादे, जुमलेबाजी, बक-बक, फलान ढिमकाम बोलने का समर्थन करता है।किंतु असल मायने में जब सच का साथ देनी की बारी आती है।तो साहब को साँप सूंघ जाता है और सच्चाई के साथ देने से कोसों दूर दिखाई देते है।हाँ!इसकी जगह अगर हिंदू मुस्लिम या कश्मीर पर कोई बात आई होती तो ट्वीट और बयान बाजी कर-कर के महाभारत खड़ी कर दी होती नमो अंकल और सब ने।

     थूँ है! ऐसेे राष्ट्रवाद पर और ऐसी घटिया ओछी राजनीति पर। जो सच का साथ देने से डरती हो।दोगले,चोर नेता-अभिनेता,मौकापरस्त लोग कही के।

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